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रन फॉर विकसित राजस्थान Run For Viksit Rajasthan

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रन फॉर विकसित राजस्थान  Run For viksit Rajasthan ✔ राजस्थान सरकार के कार्यकाल को एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष में आज जयपुर में ‘रन फॉर विकसित राजस्थान-2024’ का आयोजन किया जाएगा। CM भजनलाल जनपथ स्थित अमर जवान ज्योति से कार्यक्रम हिस्सा ले रहे प्रतिभागियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। और साथ ही अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेताओं को सम्मानित भी किया जायेगा। ✔ इस कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी, एनसीसी, एनएसएस,पुलिस, भारत/हिन्दुस्तान स्काउट एंड गाइड, आरएसी, सेना, होमगार्ड, विभागीय कर्मचारी और आमजन सहित लगभग 10 हजार से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे।  ✔ यह मैराथन प्रातः 8:00 बजे अमर जवान ज्योति से आरंभ होकर सवाई मानसिंह स्टेडियम का पूर्ण चक्कर लगाकर टोंक रोड से रामबाग सर्किल से डॉ भीमराव अंबेडकर सर्किल से होते हुए अमर जवान ज्योति स्थान पर पहुंचेगी।

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 9 -भारत की नागरिकता और विदेश की नागरिकता के बीच संबंध Article 9 Of The Indian Constitution -Relation Between Citizenship Of IndiaAand Citizenship Of A Foreign Country

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  भारतीय संविधान का अनुच्छेद 9 -भारत की नागरिकता और विदेश की नागरिकता के बीच संबंध  Article 9 Of The Indian Constitution -Relation Between Citizenship Of IndiaAand Citizenship Of A Foreign Country   यह अनुच्छेद उन व्यक्तियों के लिए है जिन्होंने विदेशी नागरिकता ग्रहण कर ली है। अनुच्छेद 9 की कुछ महत्वपूर्ण बातें। 1. यदि कोई व्यक्ति भारत का नागरिक है और उसने स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण कर लेता है, तो उसे भारतीय नागरिकता का अधिकार वंचित कर दिया जाएगा। 2. इसका अर्थ यह है कि उसे व्यक्ति को भारत की और विदेश की नागरिकता एक साथ नहीं रखी जा सकती (भारत में "दोहरी नागरिकता" की अनुमति नहीं है)। 3. इस अनुच्छेद का उद्देश्य यह है कि नागरिक केवल एक देश के प्रति अपनी निष्ठा बनाएं रख सकता है । जैसे- अगर कोई भारतीय नागरिक ऑस्ट्रेलिया जाकर वहां की नागरिकता ग्रहण कर लेता है, तो वह व्यक्ति भारतीय नागरिकता का दावा नहीं कर सकता।  

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 8 - वे लोग जो भारत में पैदा हुए हैं, लेकिन विदेश में रह रहे हैं। Article 8 Of The Indian Constitution – Persons Born In India But Residing In A Foreign Country.

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  भारतीय संविधान का अनुच्छेद 8 - वे लोग जो भारत में पैदा हुए हैं, लेकिन विदेश में रह रहे हैं। Article 8 Of The Indian Constitution – Persons Born In India But Residing In A Foreign Country. ✅ यह प्रावधान भारतीय मूल के उन व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का अधिकार देता है, जो विदेश में रहते हैं, यदि वे भारत के साथ अपने संबंध को बनाए रखना चाहते हैं।  जैसे -कोई भी व्यक्ति जो भारत के बाहर पैदा हुआ है और जिसका भारत के किसी व्यक्ति से वंशानुक्रम का संबंध है, भारतीय नागरिक माना जाएगा ✅यदि भारतीय संविधान के लागू होने से पहले या बाद में भारत के राजदूत, कौंसुल या प्रतिनिधि के पास अपनी नागरिकता पंजीकृत करवाता है। जैसे - कोई व्यक्ति संयुक्त राज्य अमेरिका में पैदा हुआ है, लेकिन उसके माता-पिता भारत में पैदा हुए हैं और वह भारतीय मूल का है, तो वह भारतीय दूतावास में आवेदन करके अपनी भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकता है।   अनुच्छेद 8 का उद्देश्य  ✅यह प्रावधान भारतीय प्रवासियों (Diaspora) के लिए है, ताकि वे भारत से अपने सांस्कृतिक, सामाजिक और कानूनी संबंध बनाए रख सकें। ...

अनुच्छेद 7 स्वतंत्रता के बाद भारत में वापस लौटे प्रवासियों से संबंध Article 7 Relation To Emigrants Who Returned To India After Independence

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अनुच्छेद 7 स्वतंत्रता के बाद भारत में वापस लौटे प्रवासियों से संबंध Article 7 Relation To Emigrants Who Returned To India After Independence ✅भारतीय संविधान में अनुच्छेद 7 स्वतंत्रता के बाद भारत में वापस लौटे प्रवासियों से संबंधित है। जैसे :1 मार्च 1947 के बाद भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे और बाद में वापस भारत आए। ✅अनुच्छेद 7 उन व्यक्तियों के बारे में प्रावधान करता है जो 1 मार्च 1947 के बाद भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे, उन्हें भारतीय नागरिक नहीं माना गया। ✅यदि ऐसा व्यक्ति भारत लौट आया और सरकार द्वारा विधिक रूप से उसकी वापसी को स्वीकार कर लिया हो तो वह व्यक्ति नागरिकता के लिए पात्र हो सकता है।   इस स्थिति में व्यक्ति को भारत में स्थायी रूप से बसने का अधिकार प्राप्त होगा। ✅यह अनुच्छेद विभाजन के बाद उत्पन्न नागरिकता संबंधी जटिलताओं को सुलझाने के लिए शामिल किया गया था।   ✅अनुच्छेद 7 का उद्देश्य निम्न प्रकार से है। 1. भारत की नागरिकता नीति को स्पष्ट करना।   2. विभाजन के समय उत्पन्न प्रवास और नागरिकता के मुद्दों को संबोधित करना।   3. अनुच्छेद 7 सुन...

अनुच्छेद 6 पाकिस्तान से भारत आने वाले प्रवासियों की नागरिकता Article 6 Citizenship Of Migrants Coming To India From Pakistan

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अनुच्छेद 6 पाकिस्तान से भारत आने वाले प्रवासियों की नागरिकता Article 6 Citizenship Of Migrants Coming To India From Pakistan अनुच्छेद 6 भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो "पाकिस्तान से भारत आने वाले प्रवासियों की नागरिकता" से संबंधित है। भारत के विभाजन के समय, हजारों लाखों लोग पाकिस्तान से भारत आए, और उनकी नागरिकता को स्पष्ट करने के लिए यह अनुच्छेद जोड़ा गया था।   अनुच्छेद 6 का विवरण: यह उन व्यक्तियों के लिए नागरिकता का प्रावधान करता है, जो "पाकिस्तान से भारत में प्रवास" कर चुके थे।   प्रमुख प्रावधान: ✅ 26 जनवरी 1950 से पहले भारत में आए प्रवासी: -  वह व्यक्ति, जो पाकिस्तान से भारत में 19 जुलाई 1948 से पहले (भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 के तहत) आया हो, उसे भारतीय नागरिक माना जाएगा, यदि:        वह भारत में "स्थायी रूप से निवास" कर रहा हो, और      - उसने भारत में रहने की "नियत" से प्रवास किया हो। ✅ 19 जुलाई 1948 के बाद आए प्रवासी:-  यदि कोई व्यक्ति 19 जुलाई 1948 के पश्चात पाकिस्तान से भारत आया है, तो उसे भारती...

अनुच्छेद 5 भारत के राज्य क्षेत्र की नागरिकता का वर्णन Article 5 Description Of Citizenship Of The Territory Of India

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अनुच्छेद 5 भारत के राज्य क्षेत्र की नागरिकता का वर्णन  Article 5 Description Of Citizenship Of The Territory Of India ✅अनुच्छेद 5 भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो भारतीय नागरिकता से संबंधित है। इस अनुच्छेद के तहत यह निर्धारित किया गया है कि भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए किन-किन शर्तों को पूरा करना आवश्यक है।  ✅इस अनुच्छेद में 26 जनवरी 1950 से पहले भारत में जन्मे या भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों की नागरिकता की स्थिति को निर्धारित किया गया है। हालांकि, संविधान के प्रारंभिक वर्षों में इस अनुच्छेद के उपखंड (Clauses) नहीं थे, लेकिन इसे बाद में नागरिकता अधिनियम, 1955 द्वारा विस्तार से समझाया गया। अनुच्छेद 5 - भारतीय नागरिकता का निर्धारण ✅ नागरिकता अधिनियम, 1955 में भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के विभिन्न तरीके और शर्तों का विवरण दिया गया है,       जैसे:- जन्म के आधार पर नागरिकता               - वंशानुगत नागरिकता            - प्राकृतिककरण द्वारा नागरिकता     ...

यदि ऐसे व्हाट्सएप संदेश जो जातिगत आरक्षण पर राय व्यक्त करते हैं, एससी/एसटी अधिनियम के तहत अपराध नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट WhatsApp Messages That Express Opinion On Caste Reservation Not An Offense Under SC/ST Act: Bombay High Court

  यदि ऐसे व्हाट्सएप संदेश जो जातिगत आरक्षण पर राय व्यक्त करते हैं, एससी/एसटी अधिनियम के तहत अपराध नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट   WhatsApp Messages That Express Opinion On Caste Reservation Not An Offense Under SC/ST Act: Bombay High Court ✅बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में शुक्रवार (29 नवंबर 2024) फैसले में एक महिला के खिलाफ मामला बंद करा, इस मामले में एक महिला ने अपने प्रेमी को अपमानजनक संदेश भेजकर, शिकायतकर्ता-प्रेमी के साथ उसकी जाति के कारण रिश्ता खत्म कर लिया था।    ✅उसके प्रेमी ने महिला के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 (SC/ST एक्ट) के तहत मामला दर्ज कराया। महिला के खिलाफ आरोप लगाया गया, कि उसने अपने प्रेमी के साथ रोमांटिक संबंध खत्म करते समय उसे ह्वाट्सऐप पर जातिसूचक मैसेज किये थें। महिला ने प्रेमी के साथ उसकी जाति के कारण रिश्ता खत्म कर लिया था।    ✅इस मामले की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट की जस्टिस उर्मिला जोशी फाल्के ने कहा कि प्रेमी और प्रेमिका, दोनों के बीच आदान-प्रदान किए गए ह्वाट्सऐप संदेश में केवल जातिगत आरक्षण ...